क्या भारतीय भोजन हमारी सेहत के लिए लाभकारी है?
सेहतराग टीम
जरा ईमानदारी से बताएं, जब भी आपसे भारतीय भोजन के बारे में विचार करने को कहा जाता है तो आपके मन में सबसे पहला विचार क्या आता है? गरम, तीखा, चिकना, गरिष्ठ, वसा-युक्त खाना पकने में लगनेवाला अधिक समय तथा कठिनाई, कुछ ऐसा, जिसमें करी पाउडर, चीनी और तलने-भुनने की प्रक्रिया भी शमिल है? अगर खाने को बुरे तरीके से पकाया जाए या गलत तरीके से पकाया गया हो तो आप इनमें से कुछ शब्दों का प्रयोग कर सकते थे और किसी भी तरह के व्यंजन के लिए सच हो सकता है। हालांकि भारतीय भोजन बहुत लोकप्रिय हैं, किंतु गलतफहमी का शिकार भी है। अगर अनेक जीवन भी मिल जाएं तो भी भारतीय व्यंजनों को खोजकर, उनके नमूने तैयार करने के लिए पर्याप्त नहीं होंगे। यह हजारों सालों के विकास और समावेश का नतीजा है। अन्य भारतीय वस्तुओं की तरह भारतीय भोजन ने भी दूसरी संस्कृतियों से विविध प्रभाव आत्मसात किए हैं, लेकिन वह उन्हें अपने ही रंग में ढालकर अनूठे प्रकार से पेश करने में सफल रहा है। यह आकर्षक, सेहतमंद, पोषक तत्वों से भरपूर और कभी-कभी जटिल होता है, पर हमेश स्वादिष्ट होता है।
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हर भारतीय परिवार की रसोई उसकी सेहत को वश में रखती है। रसोई में मसालों और जड़ी-बूटियों का एक अहम स्थान होता है। हर रसोई में एक छोटी मसालेदानी होती है, जिसमें रोजमर्रा के सभी मसाले रखे जाते हैं। इसमें सरसों, हल्दी, लाल मिर्च, हींग, मेथी दाना, कोकुम, इमली और घर में बना गरम मसाला शामिल है।
गंभीर रोगों के इलाज भी हर भारतीय के पास हैं। आपको केवल अपने भोजन को अच्छी तरह से समझना होगा। बुरी वसा और कार्बोहाइड्रेट्स को दूर करें, चीनी की मात्रा घटाएं और बाकी वसा सबकुछ संतुलित मात्रा में ग्रहण करें, जैसे- अनाज,दालें, दूध, दूध से बने उत्पाद, मेवे, तिलहन, फल, सब्जी व मांस आदि।
सेहत से जुड़ी आम समस्याओं जैसे-सर्दी, खांसी व जुकाम, पेट में अफारा, मासिक धर्म के समय होने वाली ऐंठन और सिर दर्द वगैरह के लिए हमें डॉक्टर के पास जाने की जरूरत नहीं होती। भारतीय मसालों में शक्तिशाली एंटी-ऑक्सीडेंट पाए जाते हैं, जो ऐसी शिकायतों से राहत दिला सकते हैं। मसालों के अलावा अमरुद, सेब, संतरा, टमाटर, शिमला मिर्च, आंवला, अनानास व पपीता आदि भी एंटी-ऑक्सीडेंट के अद्भुत स्रोत हैं। यदि कोई अपने आहार में उचित मात्रा में फल व सब्जियों को शामिल करता है तो रोगों से लड़ने के लिए मजबूत रोग-प्रतिरोधक क्षमता पैदा की जा सकती है।
जहां तक सेहत से जुड़े गंभीर रोगों का मसला है, साक्ष्यों से पता चला है कि दिल के रोग, कैंसर, मधुमेह आदि भारत में मृत्यु के प्रमुख कारणों में से हैं। भारतीय भोजन, विशेष रूप से मसालों में चिकित्सीय गुण पाए जाते हैं, जो आपको इन रोगों से दूर रखने में सहायक हो सकते हैं।
हमें यह सीखना होगा कि किस तरह मसाले उचित अनुपात में प्रयुक्त होने पर हमें रोगों से दूर रख सकते हैं।
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